जौनपुर जिले के खुटहन थाना क्षेत्र के पनौली गांव में बीते शुक्रवार को हुए यूबीआई ग्राहक सेवा केंद्र संचालक फूलचंद्र उर्फ सेवाराम पासवान की निर्मम हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने इस ब्लाइंड मर्डर केस को महज एक अहम सुराग—सीसीटीवी फुटेज में दिखे 12 मिनट के अंतराल—के आधार पर सुलझा लिया। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
सुबह दुकान खोलने के बाद हुई वारदात
पुलिस जांच के अनुसार फूलचंद्र पासवान शुक्रवार सुबह करीब 9:45 बजे अपने घर से ग्राहक सेवा केंद्र पहुंचे थे। रोज की तरह उन्होंने दुकान खोली और काम शुरू किया। करीब 10:15 बजे अचानक दुकान का शटर गिरा हुआ दिखाई दिया। उसी दौरान गांव की दो-तीन महिलाएं दुकान के बाहर पहुंचीं, जहां उन्हें अंदर से कराहने की आवाज सुनाई दी।
महिलाओं के शोर मचाने पर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और शटर उठाया गया। अंदर का नजारा देख सभी सन्न रह गए। फूलचंद्र कुर्सी पर लहूलुहान हालत में पड़े थे। उनके सिर से खून बह रहा था और सिर पर धारदार हथियार व किसी वजनी वस्तु से वार किए जाने के निशान थे।
अस्पताल में घोषित किया गया मृत
घटना की सूचना मिलते ही परिजन और पुलिस मौके पर पहुंची। घायल फूलचंद्र को तत्काल शाहगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मृतक की जेब से 1.67 लाख रुपये नकद और मोबाइल फोन बरामद किया। परिजनों ने किसी भी प्रकार की दुश्मनी से इनकार किया, जिससे मामला और रहस्यमय हो गया।
एसपी ने संभाली कमान, बनीं पांच टीमें
घटना की गंभीरता को देखते हुए मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक डॉ. कौस्तुभ ने हत्याकांड के खुलासे के लिए पांच टीमों का गठन किया। जांच की कमान एएसपी सिटी आयुष श्रीवास्तव को सौंपी गई। एएसपी सिटी स्वयं लगातार तीन दिनों तक मौके पर रहकर जांच करते रहे।
CCTV में दिखा 12 मिनट का अंतर
जांच के दौरान पुलिस ने घटनास्थल की ओर जाने वाले रास्तों पर लगे दो सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। फुटेज में एक बाइक पर सवार दो युवक सुबह 10:11 बजे आते और 10:23 बजे वापस जाते हुए दिखाई दिए। महज 12 मिनट के इस समय अंतराल ने पुलिस को चौंका दिया और यहीं से जांच की दिशा बदल गई।
पुलिस ने बाइक और दोनों युवकों की पहचान शुरू की। खास बात यह रही कि संदिग्ध युवक पुलिस कार्रवाई के दौरान मृतक के परिजनों और ग्रामीणों के बीच मौजूद रहकर पुलिस गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे, जिससे उन तक पहुंचना चुनौतीपूर्ण हो गया।
पूछताछ में टूटा आरोपियों का झूठ
पहचान के बाद पुलिस ने राजेश यादव और अंकित गुप्ता को हिरासत में लेकर अलग-अलग पूछताछ की। दोनों ने चाय पीने जाने की बात स्वीकार की, लेकिन चाय की दुकान को लेकर उनके बयान अलग-अलग थे। इसी विरोधाभास के बाद पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की, जिसमें दोनों टूट गए और हत्या की बात कबूल कर ली।
विश्वासपात्र निकला हत्यारा
पुलिस के अनुसार, आरोपी राजेश यादव का गांव निवासी अंकित गुप्ता उसका विश्वासपात्र था। अंकित राजेश के खेत में काम करता था और बदले में उसे 500 रुपये मजदूरी मिलती थी। वह हर समय राजेश के साथ रहता था और उसके कहने पर हर काम करता था। इसी भरोसे का इस्तेमाल कर दोनों ने वारदात को अंजाम दिया।
पुलिस कर रही आगे की कार्रवाई
फिलहाल पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और हत्या में प्रयुक्त हथियारों की बरामदगी समेत अन्य कानूनी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही पूरे मामले में चार्जशीट दाखिल की जाएगी।
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